Updated On: 04-09-2021 12:41 PM
राष्ट्रीय समुद्री निर्देशिका
बर्थिंग नीति हाईलाइट्स |
दीनदयाल बंदरगाह व्यापार के अनुकूल, आउटपुट ओरिएंटेड और प्रगतिशील बर्थिंग नीति का अभ्यास करता है | बर्थिंग नीति जहाजों को निर्यात समूह, आयात समूह, कन्टेनर समूह में वर्गीकृत करती है | |
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नीति की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं: |
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कन्टेनर जहाजों के लिए दो बर्थों का आवंटन |
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निर्यात कार्गो के लिए चार बर्थ |
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आयात कार्गो के लिए तीन बर्थ |
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सबसे अधिक वरिष्ठ जहाजों के लिए एक बर्थ |
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उपरोक्त समूहों के भीतर, निम्नलिखित प्राथमिकताओं का पालन किया जाता है: |
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तटीय जहाजों के लिए प्राथमिकता बर्थिंग |
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अनाज के लिए निर्यात समूह में एक बर्थ आरक्षित |
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प्रति दिन 6000 मीट्रिक टन क्षमता का आश्वासन देने वाले जहाजों के लिए प्रत्येक निर्यात और आयात समूहों में से एक बर्थ |
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संबंधित समूहों में समय-समय पर सरकार द्वारा दिए गए किसी भी अन्य प्राथमिकता |
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पोर्ट क्लीयरेंस |
बंदरगाह में से सामान तब तक दूर नहीं किया जाएगा जब तक कस्टम्स में क्रमश: आयात बिल अथवा निर्यात शिपिंग बिल की एन्ट्री नहीं की जाएगी और सभी बंदरगाह देय राशियों की प्राप्ति प्रस्तुत नहीं की जाएगी | दरों के व्यापक स्कैल के तहत किए गए किसी भी अन्य शुल्कों के साथ बंदरगाह पर उतारे गए सामान पर बंदरगाह शुल्क बंदरगाह पर से सामान को हटाने से पहले भुगतान किए जाएँगे | |
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प्रोजेक्शन्स |
विश्व स्तर की सुविधाओं के बाद कंडला बंदरगाह को अनूठा बंदरगाह बनाने के लिए, अगले पांच साल की योजना में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पर्याप्त राशि रखी गई है | वर्ष के अनुसार प्रोजेक्शन निम्नानुसार है |
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वर्ष |
फंड्स (करोड़ों में) |
2002-2003 |
95.10 |
2003-2004 |
97.95 |
2004-2005 |
100.55 |
2005-2006 |
101.45 |
2006-2007 |
102.65 |
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परिचालन स्थितियाँ |
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उष्णकटिबंधीय और शुष्क जलवायु परिस्थितियाँ
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गर्मी के दौरान तापमान 25oC से 44oC तक और सर्दियों के दौरान 10oC से 25oC तक होता है |
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अल्प वर्षा इसलिए पूरे साल परिचालन के लिए सक्षम
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आदर्श जलवायु परिस्थितियों के कारण वर्ष भर निर्बाध और आसान बंदरगाह परिचालन
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क्रीक में स्थित आश्रित बंदरगाह होने से कोई प्रतिकूल लहर प्रभाव नहीं
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एकमात्र भारतीय बंदरगाह जो मध्य पूर्व और यूरोप के सबसे करीब है |
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विनियम और नोट्स |
डीपीटी दीनदयाल पोर्ट रेग्युलेशन्स 1967 का पालन करता है और कर्मचारियों के लिए डीपीटी में कर्मचारी विनियमों हैं| |
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खतरनाक सामान |
डीपीटी भारत सरकार के सुरक्षा और सलामती मानकों के अनुसार खतरनाक कार्गो की विभिन्न किस्मों का प्रबंधन कर रहा है। |
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बंदरगाह श्रमिक |
बंदरगाह पर तीन वर्ग के श्रमिक होते हैं (A,B,C) जहाँ वर्ग A के श्रमिक स्थायी होते हैं, वर्ग B के श्रमिक जब आवश्यक हो तब उपलब्ध होंगे और वर्ग C के श्रमिक दिहाड़ी (कैज्युअल) श्रमिक होते हैं | बंदरगाह पर वर्ग A के 47 दल + वर्ग B श्रमिक के 2 दल हैं | एक दल में 14 श्रमिक और 1 मुकादम मुकदम होता है | औसत दल शिफ्ट आउटपुट 408 टन है | |
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प्रशिक्षण संस्थान |
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पोर्ट मैनेजमेंट (NIPM) |
ईस्ट कोस्ट रोड़, उथंदी, |
चेन्नई – 600 019 |
टेली. नं. : 044-4491454 |
ई-मेल : portnipm@md2.vsnl.net.in |
इन्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ पोर्ट मैनेजमेंट (IIPM) |
40, सर्क्युलर गार्डन रीच रोड़, |
कलकत्ता – 700 043 |
टेली. नं. : 033-439 4123/4124 |
ई-मेल : iipm@cal.vsnl.net.in |
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कस्टम्स |
कस्टम्स की अधिक जानकारी के लिए http://www.cbic.gov.in/index#को देखें | |